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क्या हम सही मायने में धर्मनिरपेक्षता का पालन कर रहे हैं?

धर्मनिरपेक्षता एक जटिल अवधारणा है जिसकी व्याख्या और कार्यान्वयन विभिन्न देशों और समाजों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। भारत में, धर्मनिरपेक्षता को “राज्य द्वारा सभी धर्मों के प्रति समभाव और निष्पक्षता” के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका मतलब है कि राज्य किसी भी धर्म को विशेष दर्जा नहीं देता है और…

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GDP वृद्धि के फायदे लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहे? कुछ संभावित कारण। 

GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि किसी देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह दर्शाता है कि देश कितनी तेज़ी से वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर रहा है। लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि GDP वृद्धि होने के बावजूद, आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता। इसके पीछे कई…

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चुनावों में हिंदुत्व को इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है?

यूँ तो हिन्दुत्व एक विचारधारा है जिसका पालन सभी हिन्दू जाने- अनजाने सदियों से करते आ रहे हैं। यह हमारे जीवनशैली और पहचान का अभिन्न अंग है जिसपर सभी हिंदुओं को गर्व भी होगा। लेकिन पिछले एक दशक से हिन्दुत्व एक सांस्कृतिक पहचान कम, बल्कि राजनीतिक मुद्दा ज्यादा बन गया है।    खासकर चुनावों में हिंदुत्व…

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चुनावों में भारतीयों की रुचि कम क्यों हो रही है?

जब हम विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो समझ लीजिए कि यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। जिम्मेदारी बड़ी है लेकिन इसे पूरा करने की विधि छोटी ही है- बस एक वोट। हम अपना एक कीमती वोट देकर अपने देश को कितना आगे ले जा सकते हैं इसका हुमएन अनुमान…

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महिला उत्पीड़न रोकथाम के लिए उपयोगी कानूनी नियम

भारत में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न को रोकने और उनका सशक्तिकरण करने के लिए कई कानून मौजूद हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कानून निम्नलिखित हैं: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860:धारा 354: महिला की लज्जा भंग करने के लिए हमलाधारा 354A: यौन उत्पीड़नधारा 354B: बलपूर्वक स्त्री को मैथुन के लिए मजबूर करनाधारा 376: बलात्कारधारा 377: अप्राकृतिक…

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क्या हम कानून और दंड संहिता की मदद से गृहस्थ हिंसा को रोक सकते हैं?

अक्सर हम अपने समाज में घरेलू हिंसा के बारे में सुनते या देखते आए हैं। नाम से ही स्पष्ट है कि घरों में परिवार के सदस्य या सदस्यों द्वारा शारीरिक, मानसिक या आर्थिक उत्पीड़न किये जाने को घरेलू हिंसा कहा जाता है। लेकिन घरेलू हिंसा जितनी आम है उससे कहीं ज्यादा “गृहस्थ हिंसा” हमारे समाज…

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डिजिटल दुनिया के जाल में खुद को सुरक्षित रखने के जानें कुछ उपाय

आज के डिजिटल युग में तेजी से बदलाव आ रहा है. हर रोज़ हम ऑनलाइन पेमेंट, सोशल मीडिया, ऑनलाइन शॉपिंग,  नेट बैंकिंग जैसी लगभग सारी गतिविधियों के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं. इंटरनेट ने हमारा जीवन सुगम ज़रूर किया है लेकिन इसके साथ ही आए दिन हम साइबर अपराध के शिकार होते रहते हैं।…

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डांगी – मणिपुर में मछली पकड़ने का पारंपरिक तरीका

मणिपुर की समृद्ध संस्कृति में पारंपरिक मछली पकड़ने की एक अनोखी विधि है जिसे “डांगी ” के नाम से जाना जाता है। यह विधि न केवल मछली पकड़ने का एक कारगर तरीका है, बल्कि सामुदायिक सहयोग और प्रकृति के साथ सद्भाव का भी प्रतीक है। डांगी का तरीका डांगी में, एक बड़े जाल का उपयोग…

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अनुच्छेद 370  पर एक नज़र

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ऐसा प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता का दर्जा देता था। इसे अगस्त 2019 में भारत सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था, यह एक ऐसा कदम था जिसके महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव पड़े हैं। यह लेख अनुच्छेद 370 की जटिलताओं को समझने, इसके…

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 भारतीय संविधान की छठी अनुसूची

आदिवासी स्वायत्तता के लिए एक तंत्र भारतीय संविधान की छठी अनुसूची पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में आदिवासी समुदायों के अधिकारों और परंपराओं की रक्षा करने के उद्देश्य से एक अनूठा प्रावधान है। 1949 में अधिनियमित, यह इन क्षेत्रों के भीतर स्वशासन के लिए एक स्थान बनाता है, जो आदिवासी आबादी को एक…

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