आम आदमी की आय पर कैसे निर्भर करता है इनकम टैक्स

आम आदमी की आय पर इनकम टैक्स का सीधा और अप्रत्यक्ष दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है. आइए देखें कैसे:

सीधा प्रभाव:

कर भुगतान: इनकम टैक्स सीधे वेतनभोगी या कारोबार करने वाले व्यक्ति की आय कम करता है. सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स स्लैब के अनुसार इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है. इससे कम आय वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलती है लेकिन मध्यमवर्गीय और उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स का बोझ ज़्यादा हो सकता है.

खर्च करने की क्षमता: इनकम टैक्स के कारण कम डिस्पोज़ेबल इनकम (खर्च करने लायक आय) बचती है. इसका मतलब है कि आम आदमी का सामान खरीदने और सेवाओं का इस्तेमाल करने की क्षमता कम हो जाती है. इससे बाज़ार में मांग कम हो सकती है जिसका असर कारोबारों पर भी पड़ सकता है.

अप्रत्यक्ष प्रभाव:

सरकारी खर्च: इनकम टैक्स सरकार की आय का एक मुख्य स्रोत है. सरकार इनकम टैक्स से प्राप्त धन का इस्तेमाल सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने और सामाजिक कल्याण कार्यक्रम चलाने में करती है. बेहतर बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार होता है.

मूल्य वर्धित कर (VAT): इनकम टैक्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के माध्यम से VAT से भी संबंध है. इनकम टैक्स के भुगतान पर मिलने वाली छूट का फायदा businesses को दिया जाता है जो VAT के अंतर्गत आता है. इससे businesses को लागत कम करने में मदद मिलती है जिसका असर उत्पादों की कीमतों पर पड़ सकता है.

आर्थिक नीतियां: सरकार इनकम टैक्स स्लैब और छूट को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल कर सकती है. उदाहरण के लिए, किसी खास क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार उस क्षेत्र में टैक्स में छूट दे सकती है. यह अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर पैदा कर सकता है जिसका फायदा आम आदमी को मिल सकता है.

अंत में, इनकम टैक्स सरकार और आम आदमी दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. यह सरकार को योजनाओं को चलाने के लिए धन मुहैया कराता है वहीं आम आदमी के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद करता है. लेकिन, यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि इनकम टैक्स का दायरा और स्लैब इस तरह से होने चाहिए कि आम आदमी पर भार ज़्यादा न पड़े.

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