चुनाव आयोग की भूमिका का अध्ययन परिचय

भारतीय लोकतंत्र में चुनाव आयोग एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जिम्मेदारी संभालता है। संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत इसकी स्थापना की गई थी।

चुनाव आयोग की संरचना:

चुनाव आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं। राष्ट्रपति इनकी नियुक्ति करते हैं। इनका कार्यकाल छह वर्ष का होता है।

चुनाव आयोग के कार्य:

चुनाव आयोग के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

मतदाता सूची तैयार करना और उसका संशोधन करना।

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करना।

राजनीतिक दलों को मान्यता देना।

चुनाव प्रचार पर खर्च पर निगरानी रखना।

मतदान प्रक्रिया का संचालन करना।

चुनाव परिणामों की घोषणा करना।

चुनाव विवादों का निपटान करना।

चुनाव आयोग की शक्तियां:

चुनाव आयोग को संविधान द्वारा अनेक शक्तियां प्रदान की गई हैं।

यह किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल को चुनाव लड़ने से रोक सकता है।

यह चुनाव प्रचार पर खर्च की सीमा निर्धारित कर सकता है।

यह चुनाव अधिकारियों को दंडित कर सकता है।

यह चुनाव याचिकाओं का निपटान कर सकता है।

चुनाव आयोग की उपलब्धियां:

चुनाव आयोग ने भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसने मतदाता भागीदारी को बढ़ाने में सफलता हासिल की है।

इसने चुनाव प्रचार पर खर्च को नियंत्रित करने में भी सफलता हासिल की है।

इसने चुनाव विवादों का तेजी से निपटान किया है।

निष्कर्ष:

चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

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